Ministry of Textiles : केन्द्रीय टेक्सटाइल मंत्रालय ने ऐसा क्या दिया कि उद्योगों के लगेंगे पंख
कपड़ा उद्योग के आधुनिकीकरण के लिए अब टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी डवलपमेंट स्कीम
एक अप्रेल से होगी लागू, उद्योगों को मिलेगा फायदा
केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय ने मेवाड़ चेम्बर से मांगे स्कीम के लिए सुझाव -
January 14, 2022 Ministry of Textiles : भीलवाड़ा. देश में टेक्सटाइल उद्योग के आधुनिकीकरण के लिए वर्तमान में चल रही ए-टफ योजना के स्थान पर अब नई टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट स्कीम 1 अप्रेल से लागू करने की तैयारी है। केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय ने गुरुवार को देश के प्रमुख टेक्सटाइल संगठनों के साथ वेबीनार में इस बारे में सुझाव लिए। राजस्थान की ओर से इसमें एक मात्र औद्योगिक संगठन मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री को शामिल किया गया। चेम्बर के अध्यक्ष जीसी जैन, महासचिव आरके जैन व दिनेश नौलखा ने इसमें हिस्सा लिया।
महासचिव आरके जैन ने बताया कि वर्तमान ए-टफ योजना आगामी 31 मार्च को समाप्त हो रही है। मंत्रालय ने इसके स्थान पर टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट स्कीम प्रस्तावित की है। देश में टेक्सटाइल मशीनरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना में प्रावधान किए है। वीविंग, नीटिंग, गारमेन्टिग, टेक्नीकल टेक्सटाइल में वर्तमान ए-टफ योजना के तहत आधुनिकीकरण पर ब्याज अनुदान 5 से 7 प्रतिशत पांच वर्ष के लिए मिल रहा था। इस नई योजना में उसे बढ़ाने और एक साथ 25 प्रतिशत अनुदान देने की योजना है, जो यह टेक्सटाइल उद्योगों के लिए एक वरदान होगा। जैन ने बताया कि वर्ष 2022 से २०27 तक 12 हजार 20 करोड़ रुपए ग्रान्ट का प्रावधान एवं टफ के बकाया भुगतान के लिए 4 हजार 615 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे उद्यमियों को बकाया राशि भी जल्द मिलने की संभावना बढ़ गई है।
वेबीनार में मेवाड़ चेम्बर ने यार्न मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए अधिकतम अनुदान राशि 15 करोड़ से बढ़ाकर 65 करोड़ करने की मांग की। क्योंकि 50 हजार स्पिण्डल के लिए लगभग 250 करोड़ का निवेश आवश्यक है। प्रति वर्ष अधिकतम इकाइयों की सीमा को समाप्त करने की भी मांग की है।
प्रथम चरण में यह मिलेगा फायदा
जैन ने बताया कि प्रस्तावित योजना के प्रथम चरण में प्रमोशन ऑफ टेक्सटाइल मशीनरी मैन्यूफेक्चरिंग पर 30 प्रतिशत ग्रांट, अधिकतम 250 करोड़ के निवेश पर 50 करोड़ की ग्रांट, 250 करोड़ से अधिक निवेश पर प्रति 50 करोड़ के निवेश पर 5 करोड़ की ग्रांट दी जाएगी।
दूसरे चरण में यह मिलेगा फायदा
प्रस्तावित योजना के दूसरे भाग में फाइनेंसियल असिस्टेंस टू एक्सीलरेट टेक्नोलॉजी एडेप्शन इन टेक्सटाइल वैल्यू चैन स्पिनिंग, वीविंग, गारमेंट, निटिंग, प्रोसेसिंग, टेक्नीकल टेक्सटाइल के लिए प्रावधान किए गए है।
इस तरह मिलेगा फायदा
- वीविंग, शटल लेस लूम, मॉर्डन निटिंग, इंटीग्रेटेड फेब्रिक्स, गारमेन्ट, मेड अप, होम टेक्सटाइल यूनिट 25 प्रतिशत ग्रांट, अधिकतम 25 करोड रुपए प्रतिवर्ष अधिकतम 10 इकाइयों को।
- प्रोसेसिंग, प्रिंटिंग, डिजिटल प्रिंटिंग, ईटीपी सहित 30 प्रतिशत, अधिकतम 25 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष अधिकतम 10 इकाइयों को।
- टेक्नोलोजिकल अपग्रेडेशन इन गारमेन्टिग पर 25 प्रतिशत, अधिकतम 15 करोड़ रुपए प्रति वर्ष अधिकतम 100 इकाइयों को।
- इन्टीग्रेटेड यार्न मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पर 25 प्रतिशत, अधिकतम 15 करोड़ रुपए प्रति वर्ष अधिकतम 5 इकाइयों को।
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पार्ट बी में यह मिलेगा लाभ
- टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन के लिए वर्तमान में जारी ए- टफ स्कीम के अनुरूप मॉर्डन वीविंग शटल लेस लूम 25 प्रतिशत ग्रांट, अधिकतम 15 करोड़ रुपए।
- नीटिंग 25 प्रतिशत ग्रांट, अधिकतम 10 करोड़ रुपए
- गारमेन्टिग 25 प्रतिशत ग्रांट, अधिकतम 10 करोड़ रुपए
- टेक्नीकल टेक्सटाइल पर 25 प्रतिशत ग्रांट, अधिकतम 10 करोड़ रुपए
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