कपड़ा उद्यमियों को अब दिल्ली के लगाने होंगे फेरे!

टेक्सटाइल कमिश्नर दफ्तर दिल्ली जाने से बढ़ेगी सूरत के कारोबारियों की मुश्किल, वेस्टर्न रीजन में हैं टेक्सटाइल के क्लस्टर, जमीनी हकीकत समझने में आएगी दिक्कत -


March 23, 2023 सूरत. मुम्बई स्थित टेक्सटाइल कमिश्नर दफ्तर के दिल्ली जाने की चर्चाओं ने सूरत के कपड़ा उद्यमियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। उन्हें यही चिंता सताए जा रही है कि जो काम मुम्बई जाने भर से हो जाता था, उसके लिए उन्हें अब दिल्ली के फेरे लगाने होंगे। टेक्सटाइल से जुड़े कुछ संगठनों ने इसे मुम्बई में ही रखने या फिर इसे सूरत शिफ्ट करने की मांग शुरू कर दी है।
सूरत शहर में उन कपड़ा कारोबारियों की संख्या सबसे ज्यादा है, जिनके मामले पांच से 15 लाख की सब्सिडी में अटकते हैं। इन्हें लेकर जब भी टेक्सटाइल कमिश्नर दफ्तर से कोई जानकारी मांगी जाती थी, उद्यमियों के लिए मुम्बई जाना सहज रहता था। साथ ही मुम्बई दफ्तर के लिए भी सूरत समेत वेस्टर्न रीजन में कपड़ा कारोबार की जमीनी हकीकत को समझना आसान रहता था। हाल ही में सूरत के नवसारी में आ रहे मेगा टेक्सटाइल पार्क में भी टेक्सटाइल कमिश्नर दफ्तर की भूमिका अहम रहने की बात कही जा रही है। ऐसे में अचानक टेक्सटाइल कमिश्नर दफ्तर को मुम्बई से दिल्ली शिफ्ट करने की चर्चा ने सूरत के कारोबारियों की मुश्किल बढ़ा दी है। उन्हें बड़ी चिंता तो यही सता रही है कि दफ्तर दिल्ली गया तो उन्हें अब जरा-जरा सी बात पर दिल्ली के चक्कर काटने पड़ जाएंगे। अब तक तो कारोबारी एक ही दिन में मुम्बई जाकर सूरत वापस आ जाते थे। दिल्ली जाना हुआ तो उनके दो से तीन कारोबारी दिन खराब होंगे।
इसके अलावा सूरत समेत वेस्टर्न रीजन में कपड़ा कारोबार की मुश्किलों को समझने और जमीनी हकीकत को जानने के लिए मुम्बई दफ्तर की टीम को ज्यादा सहजता थी। दफ्तर दिल्ली गया तो टेक्सटाइल कमिश्नर ऑफिस के अधिकारियों को भी मुश्किल पेश आएगी। साथ ही सूरत के कपड़ा कारोबारियों को जब भी तकनीकी दिक्कतें पेश आती थीं, दक्षिण गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज समय-समय पर विभिन्न सेमिनार या दूसरे आयोजन कर कमिश्नर दफ्तर के अधिकारियों को सूरत बुला लेते थे।
गुजरात समेत चार राज्यों में ज्यादा क्लस्टर
सूरत समेत गुजरात के साथ ही वेस्टर्न रीजन में महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल क्लस्टर ज्यादा है। मुम्बई तक इन राज्यों की पहुंच ज्यादा आसान है, इसलिए स्टेक होल्डर्स को भी ज्यादा सहूलियत रहेगी। कारोबारियों का मानना है कि वेस्टर्न रीजन की सहूलियत के लिए टेक्सटाइल कमिशनर दफ्तर को वेस्टर्न रीजन में ही रखना चाहिए। दफ्तर मुम्बई में ही रहता है तो सूरत समेत गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कारोबारियों को ज्यादा सहूलियत रहेगी।
अहमदाबाद दफ्तर को लाएं सूरत
कारोबारियों की मानें तो टेक्सटाइल कमिश्नर के अहमदाबाद स्थित रीजनल ऑफिस में सूरत के मामलों का दबाव ज्यादा रहता है। इसलिए वहां के अधिकारियों का ज्यादा वक्त सूरत में ही बीतता है। ऐसे में अहमदाबाद के दफ्तर को सूरत शिफ्ट कर लेना चाहिए। कुछ संगठनों ने दिल्ली जा रहे दफ्तर को सूरत में शिफ्ट करने की मांग भी की है।
वेस्टर्न रीजन में ही रहे दफ्तर
देश में टेक्सटाइल क्लस्टर वेस्टर्न रीजन में ज्यादा हैं। इसलिए टेक्सटाइल कमिश्नर दफ्तर को वेस्टर्न रीजन में ही रहना चाहिए। इससे कारोबारियों को ज्यादा सहूलियत रहेगी।

आशीष गुजराती, पूर्व प्रमुख, दक्षिण गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, सूरत


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