कपास के किसानों के लिए अच्छी खबर, खरीद और मूल्य को लेकर कपास निगम की बड़ी घोषणा
Cotton Corporation Of India : कपास के किसानों के लिए भारतीय की कपास निगम की ओर से अच्छी खबर सामने आई है। भारतीय कपास निगम किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास खरीदने का वायदा किया है। जिसके तहत अब किसानों की कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर की जाएगी। -
November 18, 2024 Maharashtra Cotton Farmers : किसानों को कपास की उचित कीमत नहीं मिलने का मुद्दा गरमाया हुआ है। बीते दिन राहुल गांधी ने भी कपास की कीमत को लेकर किसानों के पक्ष में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थी। इधर तेलंगाना के किसान एमएसपी से 1500 रुपये कम दाम मिलने से परेशान थे, जिसके चलते बीते कुछ दिनों से राज्यभर में अलग-अलग विरोध प्रदर्शन और आंदोलन हो रहे थे। कपास किसानों को अपना हक पाने के लिए जो लड़ाई लड़नी पड़ी है उसका फल अब उन्हें देने का वादा भारतीय कपास निगम (CCI) ने किया है। कपास निगम ने किसानों को उचित ग्रेड के कच्चे कपास या प्रोसेस्ड कपास को एमएसपी पर खरीदने का वादा किया है।
केंद्र सरकार भारतीय कपास निगम के जरिए देशभर के किसानों से कपास की सरकारी खरीद कर रही है। अक्टूबर से खरी प्रक्रिया जारी है, लेकिन तेलंगाना, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों और इलाकों में कपास में अधिक नमी समेत अच्छी क्वालिटी नहीं होने की बात कहकर उनकी उपज नहीं खरीदी जा रही थी, जिससे किसान नाराज चल रहे थे। तेलंगाना में कपास किसानों ने बीते कुछ दिनों से जिला स्तर पर खरीद केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। अब भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने तेलंगाना के कपास किसानों से अपील की है कि वे अपने कपास (कच्चा या बिना प्रोसेस कपास) को बिक्री के लिए अपने नजदीकी बाजार यार्ड में लेकर आएं। उनकी उपज को एमएसपी दाम पर खरीदा जाएगा।
CCI का वादा कपास खरीद जारी रहेगी
भारतीय कपास निगम (CCI) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एलके गुप्ता ने एक बयान में कहा कि हम आपको आश्वासन देते हैं कि हम बिना किसी रुकावट के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उचित किस्म का कपास खरीदना जारी रखेंगे। बता दें कि कपास निगम ने जिनिंग मिल्स और प्रेसिंग कारखानों से कहा था कि वह उन्ही का कपास लेगा जिनकी क्वालिटी और ग्रेड अच्छा होगा, जिसके बाद मिलर्स ने किसानों के कपास की क्वालिटी और नमी को ध्यान में रखते हुए कम दाम पर देना शुरू कर दिया था। इससे किसान नाराज होकर प्रदर्शन कर रहे थे। जबकि, मिलर्स ने कारखानों बंद करने की धमकी थी, जिसे ताजा फैसले के बाद टाल दिया गया।
किसानों से सभी उचित ग्रेड कपास खरीदने का वादा
किसानों के विरोध प्रदर्शन और जिनिंग मिल मालिकों की हड़ताल वापस लिए जाने के बाद भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने राज्य में खरीद अभियान फिर से शुरू कर दिया है। सीसीआई ने खरीद मानदंडों को आसान बनाने की सहमति देने के बाद किसानों ने अपने स्टॉक को निजामाबाद, वारंगल और खम्मम जैसे प्रमुख कपास उत्पादक क्षेत्रों की मंडियों में ले जा रहे हैं। सीसीआई ने उम्मीद जताई है कि तेलंगाना की सभी 318 जिनिंग मिलें पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देंगी।
एमएसपी से कम भुगतान से पनपा विवाद
किसानों ने चिंता जताई थी कि उन्हें प्रीमियम क्वालिटी वाले कपास के लिए 7,521 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 1,000 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल कम भुगतान किया जा रहा है। वहीं, जिनिंग मिल मालिकों ने कम राशि भुगतान के लिए सीसीआई की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया। मिलर्स ने कहा कि कपास निगम ने शुरू में प्रति कपास बेल 1345 रुपये भुगतान का वादा किया था, लेकिन बाद में 12 फीसदी मान्य नमी से अधिक नमी मात्रा के चलते राशि को घटा दिया था। कपास निगम ने क्वालिटी को ध्यान में रखते हुए जिनिंग मिलों को ग्रेड किया था, जिसका मतलब था कि वह पहले उस मिल से कपास खरीदेगी जिसकी प्रॉसेसिंग बेहतर होगी। हालांकि, विरोध के बाद मुद्दा सुलझा लिया गया।
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