ओड-इवन पावर कट का शेड्यूल रास नहीं आ रहा टेक्सटाइल उद्योग को
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May 12, 2022 जागरण संवाददाता, पानीपत : बिजली कट मामले में ओड-इवन का फार्मूला उद्यमियों का रास नहीं आ रहा। बिजली वितरण निगम ने रोजाना आठ घंटे के कट से राहत दिलाते हुए ओड -इवन फार्मूले से कट लगाने शुरू किए है। सप्ताह में तीन दिन 8-8 घंटे के 24 घंटे तक कट लग रहे हैं। ओड यानि 2-4-6-8 जो दो से भाग होती तिथि है में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम पावर देगा। अर्थात पानीपत में ओड में बिजली मिलेगी। जबकि इवन में कट रहेगा। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण में इसका उल्ट रहेगा।
उद्यमियों का कहना है कि इससे पावर कट में राहत तो मिली है, लेकिन रात की शिफ्ट को हम संभालने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक दिन लेबर को बुलाया जाता है। अगले दिन छुट्टी दी जाती है। उद्यमियों को शुरु से ही यह मांग रही है। भले ही सप्ताह में दो दिन बिजली न मिले, लेकिन पांच दिन 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिए। अब नए फार्मूला के मुताबिक एक सप्ताह में 24 घंटे पावर कट रहती है। ऐसे में सप्ताह में एक दिन निर्धारित किया जाए जिस दिन कट लगना हो। इससे उद्योगों का रात की शिफ्ट संभालना आसान हो जाएगा।
पानीपत में टेक्सटाइल उद्योग स्टीम पर निर्भर है। इसके लिए मशीनों का गर्म करना पडता है। यहां ट्रिपिग लगने से भी नुकसान उठाना पड़ता है। पानीपत इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान सरदार प्रीतम सिंह और रोटर स्पिनर्ज एसोसिएशन के प्रधान धनराज बंसल ने कहा कि हम बिजली वितरण निगम के उच्च अधिकारियों के संपर्क में है। संभव है कि उनकी मांग की सुनवाई हो सकेगी। काटन के बढ़ते दामों से कपड़ा मार्केट के हौसले पस्त
कपास रूई के नित बढ़ते दामों को देखते हुए कपड़ा बाजार से ग्राहकी गायब है। एक सप्ताह से बाजार ठंडा पड़ा हुआ है। काटन के भाव 10800 रुपये मन तक पहुंच गए। होली के पर काटन का भाव 8000 रुपये मन था। कपड़़े में 20 प्रतिशत तक की तेजी काटन यार्न तेज होने के कारण आ चुकी है। जवाहर क्लाथ मार्केट के कपड़ा कारोबारी दर्शन बवेजा ने बताया कि एक सप्ताह पहले तक वैवाहिक मांग चल रही थी साथ ही कारीगर ईद की छुट्टी पर घर जा रहे थे। इसीलिए बाजार अच्छा चल रहा था। अब बाजार ठंडा पड़ा हुआ है। कपड़े की जिन वैरायटी में 20 प्रतिशत तक की तेजी आ चुकी है, उसका विकल्प ग्राहक खरीद रहे हैं। प्लेन कपड़े में 10 से 12 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। अवकाश के सीजन पर बाजार का ध्यान
अब स्कूलों की गर्मियों के सीजन की छुट्टियां होने वाली है। ऐसे में कपड़ा बाजार में ग्राहकी निकलना तय है। अवकाश के दिनों में सिलाई का काम ज्यादा होता है। लड़कियां छुट्टी होने पर सिलाई करती है। इसीलिए मांग अच्छी निकलने की उम्मीद है।
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