किसानों से दगा- कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नाम पर खानापूर्ति
-धान मंडियों में कपास की 52 लाख क्विंटल आवक हुई,जबकि सीसीआई ने 49 क्विंटल ही खरीद की
-पहले गुलाबी सुंडी व बेमौसम की बारिश से कपास उत्पादन और गुणवत्ता हुई प्रभावित -
January 05, 2024 किसानों से दगा- कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नाम पर खानापूर्ति
-धान मंडियों में कपास की 52 लाख क्विंटल आवक हुई,जबकि सीसीआई ने 49 क्विंटल ही खरीद की
-पहले गुलाबी सुंडी व बेमौसम की बारिश से कपास उत्पादन और गुणवत्ता हुई प्रभावित
श्रीगंगानगर.इलाके के किसानों को इस बार कपास की फसल ने दगा ही दिया है। जहां पहले गुलाबी सुंडी फसल को चट कर गई। इस बीच बेमौसम व तूफान की वजह से कपास की गुणवत्ता और उत्पादन कमजोर रहा। किसानों ने बड़ी मुश्किल से कपास की चुगाई करवाई और अब फिर भारतीय कपास निगम लिमिटेड सीसीआई श्रीगंगानगर,हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले में महज 0.49 लाख क्विंटल कपास की एमएसपी पर खरीद कर पाई है। इस सीजन में जिले की धान मंडियों में कपास की 52 लाख क्विंटल आवक हुई है। किसानों ने मजबूरी में कपास का न्यूनतम भाव 3800 रुपए,औसत भाव 5740 रुपए पर बिक्री की। जबकि अधिकतम भाव 7 हजार रुपए कपास बहुत कम बिक पाई है। श्रीगंगानगर जिले में सीसीआई ने इस सीजन में साढ़े 20 क्विंटल कपास करणपुर मंडी में खरीद की गई है। इस कारण किसानों को प्रति क्विंटल करीब1500 रुपए तक आर्थिक नुकसान उठाया है।
किसान से गिरदावरी भी मांगी जा रही है
सीसीआई कपास खरीद से पहले किसानों से ऑनलाइन गिरदावरी की मांग भी कर रही है। जबकि राजस्व पोर्टल पर ऑनलाइन गिरदावरी तकनीकी दिक्कत की वजह से नहीं मिल रही है। सीसीआई अधिकारियों ने कहा कि गिरदावरी का इसका विकल्प किसान अपनी भूमि की जमाबंदी भी देखा सकता है। इससे ही किसान के भूमि का आंकलन हो पाएगा।
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कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य
कपास सीजन 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने एक अक्टूबर 2023 से दो प्रमुख किस्मों के लिए कपास के एमएसपी मूल्यों की घोषणा की गई थी। इसमें मध्यम स्टेपल लंबाई कपास के लिए 6620 रुपए प्रति क्विंटल और लंबे स्टेपल कपास के लिए 7020 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था।
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राज्य में कपास के 34 खरीद केंद्र
राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास खरीद करने के लिए सीसीआई को नोडल एजेंसी नियुक्त कर रखा है। राज्य में कपास खरीद करने के लिए 34 केंद्र बनाए गए हैं। इसमें सात खरीद केंद्र ऊपरी राजस्थान में हनुमानगढ़ टाउन,हनुमानगढ़ जंक्शन,श्रीगंगानगर में करणपुर,नागौर व मेड़ता में खरीद शुरू की गई। जबकि निचले राजस्थान में शहर सूरजगढ़ और औसियां में ही कॉटन की एमएसपी पर खरीद की गई है। श्रीगंगानगर,हनुमानगढ़ व बीकानेर में कॉटन की खरीद के लिए 22 खरीद केंद्र बनाए गए हैं।
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श्रीगंगानगर खंड की मंडियों में बिक्री कपास
अप्रेल 2021 से मार्च 2022 तक-2050262
अप्रेल 2022 से मार्च 2023 तक -2356702
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अप्रेल 2022 से नवंबर 2022 तक-1014301
अप्रेल 2023 से नवंबर 2023 तक-1089652
सीसीआई ने कपास की खरीद की
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ व बीकानेर में कपास की आवक-52 लाख क्विंटल
श्रीगंगानगर,हनुमानगढ़ व बीकानेर जिले में कपास की खरीद-49 क्विंटल
श्रीगंगानगर जिले में कपास खरीद की-20 क्विंटल 500 किलो ग्राम
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नई धानमंडी श्रीगंगानगर का गणित
कपास की आवक-1822 क्विंटल
कपास का उच्चतम भाव-7000 रु
कपास का न्यूनतम भाव-3800 रु
कपास का औसत भाव-5740 रु
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कपास की खरीद एमएसपी पर नहीं होने से इलाके के किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। जबकि बाजार भाव कपास के कम चल रहे हैं,एमएसपी अधिक है। सीसीआई को सीजन शुुरू होते ही एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू करनी चाहिए थी लेकिन अभी तक नहीं हुई।
कुलदीप कासनिया,अध्यक्ष,गंगानगर कच्चा आढ़तिया संघ,श्रीगंगानगर।
कॉटन की खरीद विभाग के निर्धारित मापदंड के अनुसार की जा रही है। श्रीगंगानगर जिले में साढ़े बीस क्विंटल कॉटन की खरीद करणपुर में की गई है। जबकि मापदंड में छुट के संबंध में किसान संगठनों से मिले ज्ञापनों को सीसीआई के मुख्यालय पर भेजा गया है। वहां से ही कोई निर्णय हो सकता है।
मोहित शर्मा,महाप्रबंधक,भारतीय कपास निगम लिमिटेड,श्रीगंगानगर।
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- किसानों से दगा- कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नाम पर खानापूर्ति
- दाम कम होने के कारण सीसीआई को कपास बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे क्षेत्र के किसान
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